रायगढ़ : घरघोड़ा नगर पंचायत में लोकतंत्र या सौदेबाजी? घरघोड़ा में सांसद की “विकास की बोली” पर उठे सवाल…

घरघोड़ा। रायगढ़ के लोकप्रिय सांसद द्वारा घरघोड़ा नगर पंचायत चुनाव के दौरान की गई 50 लाख की घोषणा ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। सांसद ने ऐलान किया कि जिस वार्ड में भाजपा प्रत्याशी सुनील ठाकुर और भाजपा के पार्षद प्रत्याशी को सबसे ज्यादा वोट मिलेंगे, वहां सांसद निधि से 50 लाख रुपये दिए जाएंगे। लेकिन इस घोषणा ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या विकास के बदले वोट मांगना लोकतंत्र का अपमान नहीं?
सांसद निधि जनता के टैक्स से आती है और इसे सभी वार्डों के विकास के लिए समान रूप से खर्च किया जाना चाहिए। लेकिन इस घोषणा ने साफ कर दिया कि भाजपा केवल अपने समर्थन वाले वार्ड को ही प्राथमिकता देगी। क्या इससे उन वार्डों के मतदाताओं के साथ अन्याय नहीं होगा जो अपनी स्वतंत्र सोच के आधार पर वोट देना चाहते हैं?

जनता के पैसों से वोट बैंक की राजनीति?
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सीधे-सीधे वोटरों को लुभाने और लोकतंत्र की मूल भावना को ठेस पहुंचाने की कोशिश है। सांसद निधि का इस्तेमाल एक वार्ड विशेष के लिए “इनाम” की तरह करना यह साबित करता है कि भाजपा केवल उन्हीं इलाकों का विकास चाहती है जहां से उसे समर्थन मिले। यह एक प्रकार की राजनीतिक “सौदेबाजी” नहीं तो और क्या है?

क्या चुनाव आयोग लेगा संज्ञान?
इस तरह की घोषणाएं चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन हो सकती हैं, क्योंकि यह मतदाताओं को प्रभावित करने का एक सीधा तरीका है। चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सांसद निधि का दुरुपयोग केवल चुनावी फायदे के लिए न हो।

विकास सबका हक, सौदेबाजी नहीं!
घरघोड़ा की जनता को यह समझना होगा कि विकास कोई चुनावी “इनाम” नहीं है, बल्कि यह सभी नागरिकों का हक है। सांसद की इस घोषणा ने यह साफ कर दिया है कि भाजपा का असली उद्देश्य विकास नहीं, बल्कि वोटों की गिनती बढ़ाना है। अब यह देखना होगा कि जनता इस “राजनीतिक खेल” को किस नजरिए से देखती है और क्या इस तरह की घोषणाओं को स्वीकार करती है या नहीं।

Please Share With Your Friends Also

संवाद छत्तीसगढ़ न्यूज़ पोर्टल बदलते भारत की सबसे विश्वसनीय न्यूज़ पोर्टल है। सबसे सटिक और सबसे तेज समाचार का अपडेट पाने के लिए जुडिए हमारे साथ" टीम :- Samvad Chhattisgarh

Leave a comment