जशपुर: आपातकाल के 50 वें साल को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाएंगे: उपासने ” स्कूल कॉलेजों में होगी निबंध प्रतियोगिता ….

जशपुरनगर। अबतक आपातकाल को लेकर 25 व 26 जून को काला दिवस के रूप में मनाया जाता है। पर इस साल आपात्‌काल का 50वां वर्ष है। जिसे लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रतिवर्ष 25 जून को “संविधान हत्या दिवस” शासकीय व समाज स्तर पर मनाने की घोषणा की। यह बातें भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य व लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने ने बताई।


सच्चिदानंद उपासने योग दिवस के कार्यक्रम में जशपुर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि आपातकाल जिसने देखा है, वे आज भी उन दिनों को याद कर कांप जाते हैं। वह ऐसा दौर था जब सत्ता के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा संविधान की हत्या कर दी गई थी। सर्फ भारत माता की जय के नारे लगाने मात्र से कई लोगों को 21 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया था। मैं स्वयं इसका भुक्तभोगी हूं। तब मेरी उम्र महज 19 वर्ष की थी। संविधान हत्या दिवस की यह घोषणा असामान्य नहीं सारा देश हमेशा आजादी की दूसरी लड़ाई जो एक तानाशाही लोकतंत्र विरोधी, सत्तालोलुप सरकार के द्वारा उस न्यायालयीन आदेश पर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री पद से हटाने, चुनाव लड़ने अपात्र घोषित किया जिस आदेश का परिपालन करने विपक्षी दबाव को भी अनसुना कर पूर्ण अवैधानिकता से रातों-रात आपात्‌काल लगा लाखों विपक्षी नेताओं व कार्यकर्ताओं को मीसाबंदी डी. आई.आर .कानून के तहत् अनिश्चित काल केल ए जेलों में डाल दिया। जिन्हें न तो न्यायालय जाने न जमानत प्राप्त करने का अधिकार था। समाचार पत्रों को भी सरकार व गांधी परिवार विरोधी समाचारों को सेंसरशिप के माध्यम से छीन लिया। जिन्होंने विरोध करने का सत्यता छापने की हिम्मत की तो मशीनें सील, पत्रकार व संपादक गिरफ्तार कर लिए गए।
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26 को मुख्यमंत्री आवास में होगा सम्मान मीसाबंदियों का सम्मान
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आपात्‌काल में पीड़ित प्रदेश के ऐसे समस्त लोकतंत्र सेनानी सत्याग्रहियों को 26 जून को अपने आवास पर आमंत्रित कर सम्मानित करने की घोषणा की है। इस अवसर पर “आपात्‌काल का काला इतिहास” एवं “संविधान हत्या दिवस” पर प्रबुद्ध वक्त्ताओं के भाषण होंगे व काले अध्याय पर पुस्तिका का विमोचन भी होगा।
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स्कूल कॉलजों में होगी निबंध प्रतियोगिता
आपातकाल को लेकर स्कूल व कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिता का आयेाजन किया जाएगा। प्रतियोगिता में स्कूली के छात्र–छात्राओं का विषय होगा “संविधान हत्या दिवस कितना प्रासंगिक?” एवं विद्यालयीन छात्र-छात्राओं के लिए “आपात्‌काल कभी विस्मृत न हो?” निबंध प्रतियोगिता आयोजित कर विजेताओं को दोनों स्तरों पर 31 21 व 11 हजार रुपए के नगद पुरस्कार एवं सारगर्भित निबंधों को प्रोत्साहन पुरस्कार तथा महाविद्यालय व विद्यालयों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।

सोर्स – भास्करन्यूज जशपुर

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